इस राज्य में 3000 महिलाएं होंगी सशक्त 1705 आंगनबाड़ी केंद्रों को मिलेगा पौष्टिक आहार
आपकी जानकारी के लिए बतादें कि बांदा जिले में चलने वाले 1705 आंगनबाड़ी केंद्रों पर वर्तमान में पोषाहार की आपूर्ति बाहर से की जा रही है। हालाँकि, अब शीघ्र ही बुंदेलखंड में तैयार किए जा रहे पोषाहार के माध्यम से बच्चे, महिलाएं एवं किशोरियों का स्वास्थ्य काफी बेहतर होगा। उत्तर प्रदेश राज्य के बांदा जनपद में स्वयं सहायता समूह की करीबन 3000 महिलाएं वर्तमान में पोषाहार तैयार करके उड़ान भरेंगी। इन महिलाओं के माध्यम से स्वयं अपना धन खर्चकर 9000000 रुपए की लागत से टीएचआर इकाई की स्थापना की है। इसी माह से इसमें पोषाहार तैयार होने लग जाएगा एवं महिलाएं समस्त आंगनबाड़ी केंद्रों में इसकी आपूर्ति किया करेंगी।
इन उद्योगों से जिले के 300 समूह जोड़े जाएंगे
इसी प्रकार महुआ एवं बबेरू ब्लॉक में भी टीएचआर प्लांट निर्माणाधीन है, जहां पर मई माह से पोषाहार तैयार होना चालू हो जाएगा। इन उद्योगों से जिले के 300 समूह प्रत्यक्ष रूप से जुड़ेंगे एवं रोजगार के माध्यम से स्वयं आय में बढ़ोत्तरी करेंगे। आपकी जानकारी के लिए बतादें कि शासन नारी सशक्तिकरण के अंतर्गत ग्रामीण महिलाओं को योजनाओं से जोड़के उनको रोजगार देने के पथ पर अग्रसर है। विशेष बात तो यह है, कि पशुपालन, मनरेगा, आपूर्ति विभाग एवं जिला कार्यक्रम विभाग की योजनाओं को महिलाओं के द्वारा संचालित किए जाने पर जोर दिया जा रहा है।
एक समूह से 30000 रुपये इकट्ठे किए जाएंगे
खबरों के अनुसार, जिले में सुचारू 1705 आंगनबाड़ी केंद्रों पर वर्तमान में पोषाहार की आपूर्ति बाहर से की जाती है। परंतु, फिलहाल अति शीघ्र ही बुंदेलखंड में निर्मित पोषाहार से बच्चे, किशोरियां और महिलाओं का बेहतरीन स्वास्थ्य बनेगा। प्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन की तरफ से जिले के 3 ब्लॉक बबेरू, महुआ एवं बड़ोखर खुर्द में टेक होम राशन टीएचआर प्लांट स्थापित किया जाएगा। जरुरी बात यह है, कि एक प्लांट का खर्च तकरीबन 9000000 रुपए है। यह धनराशि स्वयं सहायता समूह की महिलाएं निजी फंड से लगा रही हैं। प्रत्येक समूह से 30000 रुपये इकट्ठे किए गए हैं।
जानें कितने खाद्य पदार्थ तैयार किए जाएंगे
टीएचआर प्लांटों के माध्यम से जिले की 3000 महिलाओं की आजीविका के लिए रोजगार का अवसर प्राप्त होगा। इस प्लांट में बच्चों के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों में बटने वाला पोषाहार तैयार किया जाएगा। एक प्लांट के अंतर्गत 100 समूह मतलब कि लगभग 1000 महिलाओं को जोड़ा जाएंगा। महिलाओं द्वारा प्लांट में बर्फी, एनर्जी हलवा, प्रीमिक्स मूंग, दाल, खिचड़ी, आटा, बेसन, हलवा निर्मित किया जाएगा। यह खाद्य पदार्थ खाद्यान हेतु तैयार होगें, जो कि पैकेट में बिल्कुल बंद रहेंगे।